ज्यादा चिकनाई वाले खाद्य पदार्थो के सेवन से डायबिटीज व दिल की बीमारी का खतरा
अमेरिका । हाई फैट डाइट यानी ज्यादा चिकनाई वाले खाद्य पदार्थो के सेवन से दिल के दौरे और डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। भारतवंशी समेत वैज्ञानिकों के एक दल ने इस संबंध में शोध को अंजाम दिया है। अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ अलबामा के वैज्ञानिकों ने बढ़ती उम्र और मोटापे का कारण बनने वाले ओमेगा-6 वसा से पेट के बैक्टीरिया पर पड़ने वाले असर को लेकर अध्ययन किया।
एसोसिएट प्रोफेसर गणोश हलादे ने कहा कि मोटापा बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ पेट के बैक्टीरिया पर भी असर डालते हैं। यह असर बढ़ती उम्र के साथ बढ़ता जाता है। एफएएसईबी में प्रकाशित इस शोध के मुताबिक, ज्यादा वसा वाला भोजन बड़ी उम्र के लोगों में अचानक दिल की धड़कन रुकने का कारण बन सकता है। वैज्ञानिकों ने बताया कि भोजन का हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली पर सीधा असर पड़ता है। वैज्ञानिकों ने पाया कि हाई फैट डाइट बड़ी उम्र के लोगों में डायबिटीज जैसी बीमारी का कारण भी बन सकता है।
हाई फैट डाइट के नुकसान:
एक हाई फैट डाइट खाने में बहुत स्वादिष्ट जरूर होती है और शायद इसीलिए कोई उसे खाने से अपने आपको रोक नहीं पाता। ये जानते हुए भी कि तला हुआ, अधिक वसायुक्त खाना खाने से आपकी कमर का साइज बढ़ सकता है, आप उसे खा लेते हैं। लेकिन शायद आपको मालूम नहीं होगा कि फैटी डाइट से आपके शरीर को और भी बहुत से गंभीर नुकसान हो सकते हैं। आइये जानते हैं कौन-कौन से नुकसान।
फैटी लीवर का खतरा:
यदि ज्यादा फैट वाला खाना खाते हैं और एक्सरसाइज नहीं करते तो फैटी लीवर के चांस बढ़ जाते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार फैटी लीवर 70 प्रतिशत मोटापे से होता है। टी लीवर वह स्थिति होती है, जब लीवर के सेल्स में गैरजरूरी फैट की मात्रा बढ़ जाती है और इससे लीवर को स्थाई नुकसान का खतरा रहता है। इंफ्लैमटॉरी एक्शन से लीवर के टिशू सख्त हो जाते हैं।
मस्तिष्क के स्वास्थ्य पर असर:
ज्यादा फैटयुक्त आहार के कारण व्यग्रता, कमजोर याददाश्त और किसी काम को बार-बार करने की आदत भी बन सकती है। एक शोध के अनुसार हाई फैट डाइट के कारण मनुष्यों एवं सूक्ष्मजीवों के बीच सहजीवी संबंध के बाधित होने के कारण हमारे मस्तिष्क के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। हमारे शरीर में अरबों की संख्या में सूक्ष्मजीव पाए जाते हैं, जिनकी काफी बड़ी संख्या हमारी आंतों में भी पाई जाती है।
मस्तिष्क पर होने वाले असर:
अगर आप हाई फैट डाइट लेते हैं, तो सावधान हो जाइये, क्योंकि यह आहार आपके शरीर की धमनियों को समय से पहले नष्ट कर सकता है। यही नहीं जिन कुछ कारणों से उच्च रक्तचाप होने का खतरा रहता है, उच्च वसा युक्त आहार उनमें से पहला कारण है। उम्र और वजन बढ़ने तथा उपापचय से संबंधित बीमारियों के साथ हमारे शरीर की बड़ी धमनियों की अंदर की दीवारें मोटी होकर कम लोचदार हो जाती है, जो एथरोसलेरोसिस और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियां होने का कारण बनती है।
बच्चों के एडीएचडी:
हाई फैट डाइट आपके बच्चों को भी नुकसान पहुंचा सकती है। हाई फैट डाइट से बच्चों में एडीएचडी का जोखिम बढ़ जाता है। एडीएचडी अर्थात अटेंशन डिफिसिट हाइपरएक्टिव डिसऑर्डर का मतलब है, किसी चीज़ पर ध्यान केंद्रित करने की क्षमता का सही इस्तेमाल नहीं कर पाना। माना जाता है कि कुछ रसायनों के इस्तेमाल से दिमाग की कमज़ोरी की वजह से ये कमी होती है। एक अनुमान के मुताबिक, स्कूल के बच्चों को एडीएचडी 4% से 12% के बीच प्रभावित करता है। हाई फैट डाइट बच्चों का मेटाबॉलिज्म सिस्टम खराब करके उन्हें ये समस्या देता है।
अमेरिका । हाई फैट डाइट यानी ज्यादा चिकनाई वाले खाद्य पदार्थो के सेवन से दिल के दौरे और डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। भारतवंशी समेत वैज्ञानिकों के एक दल ने इस संबंध में शोध को अंजाम दिया है। अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ अलबामा के वैज्ञानिकों ने बढ़ती उम्र और मोटापे का कारण बनने वाले ओमेगा-6 वसा से पेट के बैक्टीरिया पर पड़ने वाले असर को लेकर अध्ययन किया।
एसोसिएट प्रोफेसर गणोश हलादे ने कहा कि मोटापा बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ पेट के बैक्टीरिया पर भी असर डालते हैं। यह असर बढ़ती उम्र के साथ बढ़ता जाता है। एफएएसईबी में प्रकाशित इस शोध के मुताबिक, ज्यादा वसा वाला भोजन बड़ी उम्र के लोगों में अचानक दिल की धड़कन रुकने का कारण बन सकता है। वैज्ञानिकों ने बताया कि भोजन का हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली पर सीधा असर पड़ता है। वैज्ञानिकों ने पाया कि हाई फैट डाइट बड़ी उम्र के लोगों में डायबिटीज जैसी बीमारी का कारण भी बन सकता है।
हाई फैट डाइट के नुकसान:
एक हाई फैट डाइट खाने में बहुत स्वादिष्ट जरूर होती है और शायद इसीलिए कोई उसे खाने से अपने आपको रोक नहीं पाता। ये जानते हुए भी कि तला हुआ, अधिक वसायुक्त खाना खाने से आपकी कमर का साइज बढ़ सकता है, आप उसे खा लेते हैं। लेकिन शायद आपको मालूम नहीं होगा कि फैटी डाइट से आपके शरीर को और भी बहुत से गंभीर नुकसान हो सकते हैं। आइये जानते हैं कौन-कौन से नुकसान।
Fatty liver ka ayurvedic ilaj
फैटी लीवर का खतरा:
यदि ज्यादा फैट वाला खाना खाते हैं और एक्सरसाइज नहीं करते तो फैटी लीवर के चांस बढ़ जाते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार फैटी लीवर 70 प्रतिशत मोटापे से होता है। टी लीवर वह स्थिति होती है, जब लीवर के सेल्स में गैरजरूरी फैट की मात्रा बढ़ जाती है और इससे लीवर को स्थाई नुकसान का खतरा रहता है। इंफ्लैमटॉरी एक्शन से लीवर के टिशू सख्त हो जाते हैं।
मस्तिष्क के स्वास्थ्य पर असर:
ज्यादा फैटयुक्त आहार के कारण व्यग्रता, कमजोर याददाश्त और किसी काम को बार-बार करने की आदत भी बन सकती है। एक शोध के अनुसार हाई फैट डाइट के कारण मनुष्यों एवं सूक्ष्मजीवों के बीच सहजीवी संबंध के बाधित होने के कारण हमारे मस्तिष्क के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। हमारे शरीर में अरबों की संख्या में सूक्ष्मजीव पाए जाते हैं, जिनकी काफी बड़ी संख्या हमारी आंतों में भी पाई जाती है।
मस्तिष्क पर होने वाले असर:
अगर आप हाई फैट डाइट लेते हैं, तो सावधान हो जाइये, क्योंकि यह आहार आपके शरीर की धमनियों को समय से पहले नष्ट कर सकता है। यही नहीं जिन कुछ कारणों से उच्च रक्तचाप होने का खतरा रहता है, उच्च वसा युक्त आहार उनमें से पहला कारण है। उम्र और वजन बढ़ने तथा उपापचय से संबंधित बीमारियों के साथ हमारे शरीर की बड़ी धमनियों की अंदर की दीवारें मोटी होकर कम लोचदार हो जाती है, जो एथरोसलेरोसिस और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियां होने का कारण बनती है।
बच्चों के एडीएचडी:
हाई फैट डाइट आपके बच्चों को भी नुकसान पहुंचा सकती है। हाई फैट डाइट से बच्चों में एडीएचडी का जोखिम बढ़ जाता है। एडीएचडी अर्थात अटेंशन डिफिसिट हाइपरएक्टिव डिसऑर्डर का मतलब है, किसी चीज़ पर ध्यान केंद्रित करने की क्षमता का सही इस्तेमाल नहीं कर पाना। माना जाता है कि कुछ रसायनों के इस्तेमाल से दिमाग की कमज़ोरी की वजह से ये कमी होती है। एक अनुमान के मुताबिक, स्कूल के बच्चों को एडीएचडी 4% से 12% के बीच प्रभावित करता है। हाई फैट डाइट बच्चों का मेटाबॉलिज्म सिस्टम खराब करके उन्हें ये समस्या देता है।
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