जासूस बनने के लिए क्या होती है योग्यता, कितनी मिलती है सैलरी, जानिए
अगर आपको रोमांस करना ज्यादा पसंद है और देश की सेवा करने का जुनून है, तो आप इंडियन सुरक्षा एजेंसी रॉ मैं अपना फ्यूचर बना सकते हैं, वैसे तो नाम पानी के इच्छुक युवाओं के लिए यह फील्ड नहीं है, क्योंकि यहां ऐसे आदमियों की आवश्यकता होती है, जो अपनी पहचान छुपा कर काम करते हैं। साथ ही इस नौकरी में आने पर अपनी कार्य संबंधी जानकारी भी छुपा कर रखनी होती है। यह एक तरीके से जासूसी का काम है। रॉ का फुल फॉर्म रिसर्च एनालिसिस विंग है। इंडियन जासूसी विभाग में शामिल होने के लिए कोई डायरेक्ट भर्ती परीक्षा नहीं करनी पड़ती है।
रॉ भारत एजेंट और इंटेलिजेंस ऑफिसर के पद में उच्च पद के उन अधिकारियों को विदेश भारत में काम करने के लिए बड़े ही गुप्त तरीके से एजेंट के रूप में चयन किया जाता है, जो राष्ट्रीय स्तर पर देश की सेवा कर सके राष्ट्रीय स्तर की सेवा में है और मुख्य रूप में रक्षा और सुरक्षा के दौरान और अधिकांश व आईपीएस अधिकारियों केंद्रीय खुफिया अधिकारी सीआईडी अधिकारियों हिंदुस्तान के आतंकवादियों के प्रमुख आईएमए आईएन एएफए के तौर पर कार्य किया जाता है।
जानिये Raw Agent कैसे बनते है
क्वालीफिकेशन
आयु- 19 से लेकर 25 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
शैक्षणिक योग्यता
आवेदकों को मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से डिग्री प्राप्त होनी चाहिए।
वैवाहिक स्थिति- शादी नहीं होनी चाहिए।
नेशनलिटी- हिंदुस्तान का नागरिक होना चाहिए।
चयन प्रक्रिया
लिखित, साक्षात्कार, मेडिकल
शारीरिक सहनशक्ति और चिकित्सा मानव परीक्षण
बेसिक मानदंड- आप याद रखिए इंटेलिजेंस एजेंसियों की इंटेलिजेंस ऑफीसर के अलावा कई दूसरी भूमिकाएं भी होती है। अनुवादक विश्लेषक और आईटी में काम करना कम ग्लैमरस है मगर इंपॉर्टेंट है।
जानिये Raw Agent कैसे बनते है
रॉ एजेंट बनने के लिए बेसिक जरूरत
किसी भी प्रकार का अपराधिक रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए।
आरएडडब्लू सहित अधिकांश खुफिया एजेंसी संगठनों अधिकारियों को अच्छी शिक्षा मिले।
अधिकांश एजेंटों को विदेशी की यात्रा करनी पड़ सकती है। यात्रा के बिना भी भूमिका अदा हो सकती है, लेकिन सिर्फ लिमिटेड में और अपने परिवार के बाकी सदस्यों को इस बारे में समझाना चाहिए और देश का नागरिक होना चाहिए।
कितना है वेतन
इस में काम करने वाले अधिकतर एजेंट को वेतन लगभग 80000 से डेढ़ लाख रुपए तक मिलता है और इनकी नौकरी कोई परमानेंट नहीं होती है और इस प्रक्रिया में रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय द्वारा निश्चित किया जाता है और रॉ आप सिविल सेवा के बाद भी जा सकते हैं।
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